Saturday, 24 November 2012

चूहे


चूहे सेठों के गोदामों
कूदते है
चूहे ग़रीबों के पेट में
कूदते है
चूहे बाज़ारों से निकल कर
आम आदमी की जेब
कुतर रहे है
खाकी वर्दी में चूहे
देश कॊ लूट रहे है
चूहे सफेद टोपी में
संविधान कुतर रहे हैं


 सतीश चन्द्र श्रीवास्तव

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