Tuesday, 20 November 2012

तिफ़्ली के ख़ाब

[तिफ़्ली के ख़ाब] - असरार-उल-हक़ 'मजाज़'

तिफ़्ली में आरज़ू थी किसी दिल में हम भी हों
इक रोज़ सोज़-ओ-साज़ की महफ़िल में हम भी हों

दिल हो असीर गेसू-ए-अंबर-सिरिश्त में
उलझे इन्हीं हसीन सलासिल में हम भी हों

छेड़ा है साज़ हज़रत-ए-सादी ने जिस जगह
उस बोस्ताँ के शोख़ अनादिल में हम भी हों

गाएँ तराने दोश-ए-सुरय्या पे रखके सर
तारों से छेड़ हो, मह-ए-कामिल में हम भी हों

आज़ाद होके कश-मकश-ए-इल्म से कभी
आशुफ़्तगान-ए-इश्क़ की मंज़िल में हम भी हों

दीवाना-वार हम भी फिरें कोह-ओ-दश्त में
दिल-दादगान-ए-शोला-ए-महमिल में हम भी हों

दिल को हो शाहज़ादी-ए-मक़सद की धुन लगी
हैराँ सुराग़-ए-जादा-ए-मंज़िल में हम भी हों

सहरा हो, ख़ार-ज़ार हो, वादी हो, आग हो
इक दिन इन्हीं महीब मनाज़िल में हम भी हों

दरया-ए-हश्र-ख़ेज़ की मौजों को चीरकर
कश्ती समेत दामन-ए-साहिल में हम भी हों

इक लश्कर-ए-अज़ीम हो मसरूफ़-ए-कारज़ार
लश्कर के पेश-पेश मुक़ाबिल में हम भी हों

चमके हमारे हाथ में भी तेग़-ए-आबदार
हंगाम-ए-जंग नर्ग़ा-ए-बातिल में हम भी हों

क़दमों पे जिन के ताज हैं इक़्लीम-ए-दह्र के
उन चंद कुश्तगान-ए-ग़म-ए-दिल में हम भी हों

[असरार-उल-हक़ 'मजाज़']

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tiflee = बचपन
xaab = सपना
soz = जलन, तड़प
saaz = musical instrument
aseer = बंदी
gesoo = सर के लम्बे बाल
ambar-sirisht = जिस की प्रकृति में सुगंध निहित हो
salaasil = ज़ंजीरें
Saadi = फ़ारसी भाषा के प्रसिद्ध कवि
bostaaN = उद्यान; शेख़ सादी की पुस्तक का नाम
anaadil = अंदलीब (बुलबुल) का बहुवचन
dosh = कंधा
surayya = सितारों का जमघट
mah e kaamil = पूर्णचंद
kashmakash = संघर्ष
ilm = विद्या
aashuftagaan e ishq = प्रेम में व्याकुल
deevaana-vaar = दीवानों की तरह
koh = पहाड़
dasht = मरुस्थल
mehmil = एक क़िस्म की डोली जो ऊँट पर बाँधते हैं; लैला महमिल में बैठकर सफ़र करती थी
dildaadagaan e shola e mehmil = जिन्हों ने महमिल के ज्वाले पर दिल दे दिया हो
shaahzaadi e maqsad = लक्ष्य की राजकुमारी
suraagh e jaada e manzil = मंज़िल के रास्ते की खोज
sehra = मरुस्थल
xaarzaar = जिस स्थान पर काँटे हों
vaadi = घाटी
maheeb = भयानक
manaazil = मंज़िल का बहुवचन
darya e hashr-xez = वह नदी जिस का प्रवाह प्रलय-दिवस उठाता हो, या जिस का प्रवाह प्रलय-दिवस की तरह हो
daaman e saahil = तट का किनारा
lashkar e azeem = महान सेना
masroof e kaarzaar = युद्ध में व्यस्त
pesh-pesh = आगे-आगे
muqaabil = आमने-सामने
tegh e aabdaar = चमकती हुई तलवार
hangaam e jang = युद्ध के समय
baatil = मिथ्या, असत्य
nargha e baatil me = बातिल के घेरे में
taaj = मुकुट
iqleem e dehr = युग/समय का देश/क्षेत्र
chand = कुछ
kushtagaan e gham e dil = हृदय के दुखों के मारे हुए

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