Saturday, 24 November 2012

परिवार

दाम्‍पत्‍य में सब कुछ
साझा है
सुख आधा है तो
दुख भी आधा है
इतना समझ जाने पर
पारिवारिक जीवन
बिल्‍कुल सीधा-साधा है


भ्रष्‍टाचार खत्‍म हो जावेगा

भ्रष्‍टाचार को उजागर करने
का यह मौजूदा दौर
धरना और नारेबाजी का
यह रोज-रोज का शोर
जब थम जावेगा
तो क्‍या भ्रष्‍टाचार
खत्‍म हो जावेगा ?

मध्‍यवर्गीय लोग

इनकी बस इतनी सी कहानी है
न चादर कभी लंबी कर पाए
न पैरों को सिकोड़ पाए
जीवन इसी खींचातानी में बीत जाए

राजीव आनंद


आगे पढ़ें: रचनाकार: राजीव आनंद की कविताएँ - नफ़ा-नुक़सान http://www.rachanakar.org/2012/11/blog-post_5352.html#ixzz2D9yusMv1

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