Saturday, 24 November 2012

सतीश चन्द्र श्रीवास्तव की क्षणिकाएँ


मुझे ख़ाक समझ कर
उड़ा न देना
पड गया आँख में
तो मुश्किल होगी

2.
दवा न दे सको
तो दर्द ही दे देना,
सुना है
दर्द में दर्द दवा होती है


 सतीश चन्द्र श्रीवास्तव 

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