Saturday, 8 December 2012

बेटियां


माँ -बाप का साथ हर पल निभाती है बेटियां,
माँ -बाप का साथ हर पल निभाती है बेटियां,
घर मै खुशाली हर पल लाती है बेटियां,
तमाम परेशानिया झेल कर खुश रहती है बेटियां,
घर मै उजाला न हो अगर न हो बेटियां,
रौनक घरो की हर पल बड़ती है बेटियां,
वो घर नहीं वीराना है,जिसमें न हो बेटियां,
नसीब भी बुलंद होते है उनके, होती है जिनकी बेटियां,
कह-कहों से हर पल गूंजता है आशियाना,
खामोशियों को दूर भगाती है बेटियां,
माँ-बाप की सारी खुशियाँ छीन जाती है ऐ “इन्सान ”
रुखसत जिस रोज़ घर से होती है बेटियां!!!

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